अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृति योजना


भारत सरकार ने शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। सर्व शिक्षा अभियान सहित उच्च शिक्षा में भी छात्रों को आर्थिक सहायता अलग-अलग माध्यमों और योजनाओं के जरिये दी जाती है। यदि कोई छात्र ग्रेजुएशन के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है तो उसके लिए यूजीसी की तरफ से फेलोशिप दी जाती है। फेलोशिप के जरिए छात्र अपनी पढ़ाई आगे जारी रख सकते हैं। हालांकि सरकार की इस तरह की योजनाओं को अब धीरे-धीरे यूजीसी द्वारा या तो बंद किया जा रहा है या उसकी रकम में कटौती की जा रही है। हाल के दिनों में छात्रों में इस बात को लेकर नाराजगी भी दिखी कि यूजीसी ने बिना नेट उत्तीर्ण छात्रों को दिए जाने वाले फेलोशिप में कटौती करने का फैसला किया था।

हर बार जब नई सरकार आती है तो योजनाओं में परिवर्तन कर दिया जाता है जिसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई और उसके करियर पर पड़ता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रों को अपनी आगे की पढ़ाई के लिए सरकार की तरफ से बतौर फेलोशिप के माध्यम से आर्थिक सहायता दी जाती है। विद्यालय के स्तर पर भी सरकार की कई योजनाएं हैं। इसके के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाएं भी हैं।
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राज्य सरकारें अपने राज्य की स्थिति के अनुसार छात्रों को छात्रवृति देते हैं। हालांकि इसमें कई खामियां भी हैं। कई बार वैसे छात्रों को इसका उचित लाभ नहीं मिल पाता है जिसे वास्तविक जरूरत होती है। राज्यों के स्तर पर इसमें बंदरबांट हो जाती है। इसके साथ-साथ यहां पर व्यवस्था भी छात्रों को काफी परेशान करती है। कई बार ऐसा भी होता है कि छात्र छात्रवृति के सामान राशि खर्च कर देता छात्रवृति पाने में।

इसका अन्य कारणों के अलावा एक कारण यह भी है कि छात्रों में इसको लेकर जागरूकता नहीं है। छात्रवृति को लेकर सही जानकारी नहीं होने की वजह से छात्रों को कई परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। सरकारें भी इसके बारे में ज्यादा प्रसार-प्रचार नहीं करती हैं। इसकी वजह से कई छात्रों को छात्रवृति जैसी भी कोई चीज होती है इसका पता ही नहीं होता है।
भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के द्वारा छात्रवृति योजनाएं चलाई जाती है। इसमें मुख्यरूप से तीन तरह की छात्रवृति दी जाती है- मैट्रिक पूर्व छात्रवृति योजना, मैट्रिकोत्तर छात्रवृति योजना, मैट्रिक एवं साधन आधारित छात्रवृति योजना। 

1. मैट्रिक पूर्व छात्रवृति योजना को भारत सरकार द्वारा जून 2006 में लाई गई थी। इस छात्रवृति का मुख्य उद्देश्य है अल्पसंख्यकों को लाभ देना। इसके अंतर्गत अल्पसंख्यक छात्रों में से मेधावी छात्रों को इसका लाभ दिया जाता है। इसके अंतर्गत छात्र को कक्षा 1 से 10 तक देश में अध्ययन के लिए सरकार द्वारा छात्रवृति प्रदान की जाती है। इसके लिए वहीं छात्र आवेदन कर सकते हैं जिसने अपनी अंतिम परीक्षा में कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ परीक्षा पास की हो।
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इसमें इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि कुल छात्रवृति राशी में से 30 फीसदी छात्राओं के लिए आरक्षित रहेंगी। बांकि के छात्रवृति राशि को शेष पात्र छात्रों के बीच वितरित किया जाएगा। इसके साथ छात्रों में कुल बारह महीनों के एक वर्ष में केवल दस महीनों के लिए ही छात्रवृति प्रदान किया जाएगा। इसके लिए अगल-अलग छात्रों के लिए अलग-अलग राशि की व्यवस्था की गई है जिसे भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के वेबसाइट पर देख सकते हैं।

2. मैट्रिकोत्तर छात्रवृति योजना को भी वर्ष 2006 में ही लागू किया गया था। इसके में भी अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों को वित्तिय सहायता देने की सिफारिश की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों को वित्तिय सहायता उपलब्ध कराना है ताकि देश के उच्च शिक्षण संस्थाओं में अल्पसंख्यक छात्रों की बढ़ाना और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे छात्रों उचित अवसर प्रदान करना है। इस छात्रवृति के अंतर्गत कक्षा 11 और 12 के छात्रों को और आगे की पढ़ाई करने वाले छात्रों को छात्रवृति प्रदान किया जाता है जिसके माता-पिता की कुल वार्षिक आय 2 लाख रूपये से अधिक न हो।

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इसमें भी वही छात्र आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने पिछले वार्षिक परीक्षा में कम से कम 50 फीसदी या उससे ज्यादा अंक प्राप्त किये हों। इसके लिए छात्र भारत सरकार के अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस छात्रवृति के लिए निम्न दस्तावेजों की जरूरत होती है। (i) छात्र का फोटो (ii) विद्यालय अथवा कॉलेज का सत्यापित प्रति (iii) आय प्रमाण पत्र (iv) जाति प्रमाण पत्र (v) शैक्षणिक वर्ष का मार्कशीट (नए आवेदन में) (vi) पिछले शैक्षणिक वर्ष का मार्कशीट (नवीकरण के मामले में) (vii) पाठ्यक्रम की फीस रसीद (viii) छात्र का अपना बैंक अकाउंट नंबर (ix) आधार कार्ड (वैकल्पिक) (x) आवास का प्रमाण पत्र

3. मैट्रिक एवं साधन आधारित छात्रवृति योजना का मुख्य उद्देश्य वैसे गरीब और मेधावी अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वो व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर सकें। इसके अंतर्गत सिर्फ देश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को ही छात्रवृति प्रदान की जाती है। इसके लिए भी प्रत्रता की शर्तें पहले की तरह ही हैं। इस छात्रवृति योजना में 100 प्रतिशत केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए भी ऑनलाइन आवेदन किया जाता है।

इसके लिए सरकार हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को पोषण भत्ता के लिए 10,000 रूपये सलाना और पाठ्यक्रम फीस के लिए 20,000 रूपये प्रति वर्ष दिया जाता है। जो छात्र हॉस्टल में नहीं रहते हैं उनके लिए पोषण भत्ता 5,000 रूपये प्रति वर्ष और पाठ्यक्रम भत्ता 20,000 रूपये प्रति वर्ष है। अन्य प्रक्रिया पहले की तरह ही हैं।

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