खुशखबरी: सिविल सेवा परीक्षा में उम्रसीमा में कोई कटौती नहीं होगी


देशभर में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए राहत की खबर है। सरकार ने इस परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के अधिक्तम आयु सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। सरकार के इस फैसले से कई छात्रों ने राहत की सांस ली है। इससे पहले ऐसी खबरें थी कि सरकार सिविल सेवा में बैठने वाले छात्रों के ऊपरी आयुसीमा को 30 से घटाकर 26 साल कर सकती है। लेकिन सरकार ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया है कि सिविल सेवा की परीक्षा पहले के नियमों के अनुरूप ही होंगे।


बता दें कि वर्तमान में जो व्यवस्था सिविल सेवा की परीक्षा में है वो सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के अधिक्तम उम्रसीमा 32 साल है। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 35 साल और अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 37 साल है। जबकि दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए यह उम्रसीमा 42 साल है। गौरतलब है कि पूर्व सचिव बीएस बासवान की अध्यक्षता में गठित समिति में सरकार को सुझाव दिया था कि सिविल सेवा में बैठने वाले छात्रों की अधिकतम आयुसीमा में कटौती कर इसे 26 किया जाए।


हालांकि सरकार ने फिलहाल इसे किनारे लगा दिया है। क्योंकि ऐसा संभावना है कि यदि ऐसा किया जाता है तो सरकार को काफी विरोध का सामना करना पड़ सकता है। अभी जो उम्रसीमा है उसके हिसाब से ही छात्र परीक्षा में बैठते हैं। इस वक्त सिविल सेवा की परीक्षा में बैठने के लिए जो शर्तें हैं वो यह है कि जनरल वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम 6 मौके, ओबीसी के लिए 9 मौके, एससी, एसटी के मौकों की कमी नहीं है।


हर साल 12 लाख उम्मीदवार सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में बैठते हैं। इसमें छात्रों की सफलता दर 0.1 फीसदी है। जबकि मुख्य परीक्षा में 40 से 45 तक छात्र पहुंच पाते हैं और साक्षात्कार के बाद तकरीबन हजार उम्मीदवारों का चयन होता है। सिविल सेवा के अंतर्गत देश के 24 सेवाओं के लिए परीक्षा होती है।

Post a Comment

Previous Post Next Post
close